खाटू श्याम जी शायरी | श्याम बाबा शायरी |
क
र दिया है बेफिक्र तूने, फिक्र अब मैं कैसे करूँ।
फिक्र तो यह है कि तेरा शुक्र कैसे करूँं
।।
शीश के दानी तेरे चरणों में हम अपना शीश झुकाते हैं। और कहीं झुकने न देना ये अरदास लगाते है।
हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा शायरी
कल कल बहती नदिया की धारा
झर झर झरता झरना
खाटूवाले तेरे चरणों में रख ले
वहीं है मेरा जीना मरना
नैनों में तेरी तस्वीर है होंठो पर तेरा नाम नाम तेरा सुमिरन करता रहूँ हर पल हर दिन आठों याम
खाटू श्याम बाबा शायरी हिंदी 2 Line