खाटू श्याम जी शायरी | श्याम बाबा शायरी | श्याम शायरी हिंदी|
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श्याम तेरी मूरत मोहिनी
खींचे मन तेरी ओर
मेरा मन तेरा हो गया
मेरा चले ना इस पर जोर
।।जय श्री श्याम।।
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तेरे चरण पड़े जब से मेरे आँगन
आँगन गुलशन हो गया
फूल जैसा मैं खिल उठा
धन्य यह जीवन हो गया
।।जय श्री श्याम।।
खाटू श्याम बाबा शायरी हिंदी
साँसों की डोर तेरे हाथों में
तेरे हाथ में दिल की धड़कन
मतवाले साँवरे तेरे चरणों में
बीते सारा मेरा जीवन
।।जय श्री श्याम।।
तेरे नाम का चंदन मला है
तेरा पीला रंग पहना है
कंठ से निकले नाम तेरा
नाम तेरा जपते रहना है
।।जय श्री श्याम।।
श्याम तेरे खेल निराले
कोई समझ ना पाये
जो समझ जाए तुम्हें
वह तेरा हो जाए
।। जय श्री श्याम।।
वक्त गुजरता है गुजरने दो
मैं श्याम दरबार में आता रहुँ
वो नाम पुकारे जब भी मेरा
मैं हाजिरी अपनी लगाता रहुँ
।।जय श्री श्याम।।
तू थामके मेरी बाँहें हे श्याम
मुझे मंजिल तक पहुँचा देना
तू संग है तो हार का डर नहीं
दुश्मन को भी गले लगा देना
।।जय श्री श्याम।।
चलते चलते राहों में
ठोकर लगी ती याद आएे
आँसु निकले नैनों से
होंठो पर एक फरियाद आएे
।।जय श्री श्याम।।
Khatu shyam quotes in hindi
खाटू नगरी में वास तेरा
वास तेरा भक्तों के दिल में
तू संग रहे मेरे उस पल भी
जब साथ न दे कोई मुश्किल में
।।जय श्री श्याम।।
हारने ना देना मुझे बाबा
विपत्ति बड़ी भारी है
तेरे नाम के सहारे मैंने
संकट की घड़ियाँ गुजारी है
।।जय श्री श्याम।।
तू प्रेम का अथाह सागर है
मैं किनारे पड़ी चट्टान
टकराने दो लहरों को
आने दो श्याम यह तूफान
।।जय श्री श्याम।।
Khatu shyam status
नैनों में तेरी तस्वीर है
होंठो पर तेरा नाम
नाम तेरा सुमिरन करता रहूँ
हर पल हर दिन आठों याम
खाटू श्याम बाबा शायरी हिंदी 2 Line
।।जय श्री श्याम।।
जिस पथ पर श्याम रथ चले
उस पथ की धूल बन जाऊँ
हे मोर्वये तेरे कंठ पड़ी जो
उस माला का मैं फूल बन जाऊँ
।।जय श्री श्याम।।
श्याम मेरी उलझन सुलझा दे
माथे से चिंता की लकीरें मिटा दे
मैं टूट कर बिखर गया हूँ
अपनी अंजुलि में मुझे समा ले
।।जय श्री श्याम।।
धीरे धीरे चल रे मन
श्याम मूरत मोहे निहारने दे
जितना देखुँ मन नहीं भरता
सूरत यह नजर में उतारने दे
।।जय श्री श्याम।।
कहत कबीर सुनो भई साधो
हारे का सहारा मेरा श्याम
जिसके द्वार पर आने से
सँवर जाते हैं बिगड़े काम
।।जय श्री श्याम।।
Khatu shyam images with quotes
नगरी में एक नगरी है रिंगस
जहाँ निराला है खाटू धाम
जहाँ बसा है कलियुग अवतारी
कहते हैं जिसे सब खाटूश्याम
।।जय श्री श्याम।।
महारण में एक शीश ने
देखा युद्ध का हाल
पाण्डव तेरी जीत की राज
जाने वो मोरवी का लाल
।।जय श्री श्याम।।
श्याम ने माँगा शीश बर्बरीक से
बर्बरीक ना तनिक घबराया
श्याम कहे मेरा नाम है तेरा
आज से तू श्याम कहलाया
।।जय श्री श्याम।।
कल कल बहती नदिया की धारा
झर झर झरता झरना
खाटूवाले तेरे चरणों में रख ले
वहीं है मेरा जीना मरना
।।जय श्री श्याम।।
रोते हुए को हँसा देते हो श्याम
भटके को दिखाते हो राह
तेरे नाम का उजियारा है
वरना जिन्दगी है काली स्याह
।।जय श्री श्याम।।
किसी की उम्मीद बन जाते हो
किसी की आखिरी आस
किसी हारे की जीत हो तुम
टूट ना पाये भक्तों का विश्वास
।।जय माता दी।।
कोई श्याम पुकारे कोई साँवरा
कोई कहे लखदातार
Khatu shyam bhajan whatsapp status
हारे की आखिरी आस न टूटे
हे कलियुग के अवतार
।।जय श्री श्याम।।
मोरवीनन्दन थणै शपथ श्याम की
जो म्हारी पुकार पर तू आया ना
तू म्हारा लखदातार नहीं
जे मणे थामने को हाथ बढ़ाया ना
।।जय श्री श्याम।।
तेरे साये में है जब से जिन्दगी
मेरी जिन्दगी में उजाला है
डगमगाती हुई जीवन नैया को
बाबा तूने पार निकाला है
।।जय श्री श्याम।।
हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा शायरी
डगमगाती हुई है जिन्दगी
संभाल लो मेरे श्याम
तेरी नजरें करम पड़े जो
सँवर जाये मेरे बिगड़े काम
।।जय श्री श्याम।।
ऊँचे ऊँचे पर्वतों से निकल कर
नदिया सागर में खोने चली
मैं भी अपने श्याम धाम को
साँवरिया की होने चली
।।जय श्री श्याम।।
तक तक गये थक नैन मेरे
श्याम तेरे इंतजार में
सुध बिसराई, नींद गँवाई
श्याम साँवरे के प्यार में
।।जय श्री श्याम।।
लोग कहते हैं मुझे बावरा
रखवाला मेरा श्याम साँवरा
किसी और से क्या हो उम्मीद
मुझे तो बस तेरा आसरा
।।जय श्री श्याम।।
जब से तेरे चक्कर में पड़ा
लोग कहते हैं मैं बिखर गया
मैं कहता हूँ तेरी नजरें पड़ी
श्याम मेरा जीवन निखर गया
।।जय श्री श्याम।।
हे मोर्वये हे लखदातार
हे लीला के अश्वार
राह दिखला दे मुझे
मैं देखुं तेरा दरबार
।।जय श्री श्याम।।
श्याम तेरी कृपा बनी रहे
तेरी नजरेें करम सदा रहे
रिश्ता जहान से मेरा कुछ नहीं
तुझसे रिश्ता बना रहे
।।जय श्री श्याम।।
मैं कठपुतली तेरे हाथों की
नाचुँ जैसे तू नचाये
बस देखना श्याम डोर
तेरे हाथों से छूट ना जाये
।।जय श्री श्याम।।
नैनों में तेरे चंचलपन
चाल में अलग सी मस्ती है
तेरे हंसने से ओ सांवरिया
कायनात यह सारी हंसती है
।।जय श्री श्याम।।
Khatu shyam ki shayari
मोटे मोटे नैन कजरारे
मोपे डोरे डारे
जब जब तुझपे पड़े नजरिया
मर गई मैं लाज के मारे
।।जय श्री श्याम।।
मंद पवन मस्त बयार
ठंडी ठंडी फुहार
उस पर तेरी बाँसुरी
देती हर्ष अपार
।।जय थ्री श्याम।।
थामे रखना डोर श्याम
टूटे ना यह बंधन
माथे से मेरे कभी मिटे ना
तेरे नाम का चंदन
।।जय श्री श्याम।।
एक एक पल श्याम तुम बिना
यूं लागे जुग बीता
तुम क्या जानों हे मोरवये
कोई तुमबिन कैसे जीता
|| जय श्री श्याम||
मैं ना माँगु शीश तेरा
सुन ले शीश के दानी
माँगु मैं बस साथ तेरा
ज्यों सागर में पानी
।।जय श्री श्याम।।
श्याम मनोहारी साँवरे
तेरे नैन बड़े कजरारे
मोरा चैन चुरा ले जाये
हिया पे डाका डारे
।।जय श्री श्याम।।
अकेला हूँ, बेसहारा हूँ
मजबूर मैं तेरे पास आया हूँ
आँखों में उम्मीद की ज्योति
दिल में एक विश्वास लाया हूँ
।।जय श्री श्याम।।
श्याम की मोहिनी सूरत देखकर
मन को सुकून आ जाता है
एक पल जो तुझसे दूर हुआ
बेचैन हिया घबराता है
।।जय श्री श्याम।।
हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा शायरी
धीरे धीरे श्याम तूने
मुझे अपना दीवाना बनाया है
धड़कन तेरा नाम पुकारे
साँसों ने तुझे बुलाया है
।।जय श्री श्याम।।
जैसे द्रौपदी की लाज बचाई
जैसे सुदामा की गरीबी मिटाई
मै पुकारूँ विपत्तिकाल में
आ जाना मेरे श्याम कन्हाई
।।जय श्री श्याम।।ं
घर में रहूँ तो श्याम रहे
बाहर जाऊँ तो दिखे गोपाल
ध्यान में रहूँ तो मोहन दिखे
श्याम रखे हर पल मेरा खयाल
।।जय श्री श्याम।।
श्याम तेरे नैनों ने मोपे
ऐसा जादू डारा रे
मोहे भा गयो श्याम कारो
मैं तो हो गयो मतवारा रे
|| जय श्री श्याम ||
सब कुछ है पास मेरे
तू नहीं तो कुछ भी नहीं है
तेरे बिना मैं कुछ भी नही हूँ
तेरे बिन कुछ नहीं जिन्दगी है
।।जय श्री श्याम।।
किसी किसी को मिलता है
सौभाग्य तेरी रहमतों का
श्याम की मर्जी श्याम ही जाने
मालिक है वो लाखों किस्मतों का
।। जय श्री श्याम।।
कभी कभी मैं यह सोचूँ
क्या होता जो यह संसार ना होता
मेरे जैसे हारों का क्या होता
हे श्याम जो तेरा दरबार ना होता
।।जय श्री श्याम।।
श्याम तुझमें ऐसे खो जाऊँ
कि दुनिया से कोई वास्ता ना रहे
मैं तेरे कदमों में ही रूक जाऊँ
कहीं और को मेरा रास्ता ना रहे
।।जय श्री श्याम।।
ज्यों तरसे चातक बरसात को
पिये ना और कोई नीर
श्याम तेरे दीदार बिना
मिटे ना हिया की पीर
।।जय श्री श्याम।।
हार कर सबसे हे श्याम
तेरे सामने सर झुकाया है
अब झुके ना यह शीश कहीं और
विश्वास का दीप जलाया है
।।जय श्री श्याम।।
मैंने पी ली तेरे नाम की भंग
मैं तो हो गया मस्त मलंग
ना अपना पराया साथ मेरे
ना दुःख ना चिंता मेरे संग
।।जय श्री श्याम।।
मेरे अंग अंग पर लिख दे कोई
मेरे सावरिया का नाम
दिल पर लिख दे मोहन मेरे
लिख दे नैनों में घनश्याम
।।जय श्री श्याम।।
श्याम मेरा तू ही तू
तेरे सिवा कोई और नहीं
तू जो मुझे ठुकरा दे गर
फिर मेरा कोई ठौर नहीं
।।जय श्री श्याम।।
मोहे श्याम रंग भाये
मैं हो गई रंग रंगीली
अब की होली पर मैंने
श्याम रंग की भाँग जो पी ली
।।जय श्री श्याम।।
गरज गरज के बरसे घन
मोहे घनश्याम याद आऐ
सुप्रभात जब फूल खिले
लगे श्याम मंद मंद मुस्काऐ
।।जय श्री श्याम।।
बाबा श्याम के दर पर जाना है
कोई रास्ता मुझे बता दो
निर्जन राहें अंधकार बड़ा
नैनों को चाँद सूरज बना दो
।।जय श्री श्याम।।
मेरे श्याम ने मुझे बुलाया
मैं तो चला रे खाटू धाम
धुन दरबार की ऐसी लागी
तज के चला सब काम
।।जय श्री श्याम।।
हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा status
लोग कहते हैं आसरा खुद का रखो
तो पत्थर से भी पानी निकाल सकते हैं
मुझे भरोसा श्याम का जो हर विपदा से
हारे हुऐ को संभाल सकते हैं
।।जय श्री श्याम।।
श्याम के दरबार में
मेला लगा है भारी
मैं भी हूँ इंतजार में दर्शन के
कब आयेगी मेरी बारी
।।जय श्री श्याम।।
श्याम के पथ पर चल पड़ा हूँ
अब कोई मुझे ना रोके
श्याम को पाने की लागी है लगन ,
अपना सब कुछ खोके
।।जय श्री श्याम।।
मेरी ष्याम से लागी प्रीत
मैं तो भई रे दीवानी ष्याम की
ना मैं राधा ना मैं मीरा
मैं तो एक जोगन उसके नाम की
।।जय श्री श्याम।।
ओ मेरे लखदातार आजा
होके लीला पर सवार
मुझे दे दे अपना साथ
ना माँगू मैं यह संसार
।।जय श्री श्याम ।।
श्याम सब की सुनने वाले
मैंने भी अर्जी लगाई है
तेरी मर्जी है मैं क्या बोलूँ
तेरे आगे किसकी चल पाई है
।।जय श्री श्याम।।
शीश् के दानी हे कलियुग अवतारी
कर दे न्याय मेरे साथ
किसी बदी के आगे झुके नहीं
तेरे चरणों के स्पर्ष में रहे मेरे हाथ
।।जय श्री श्याम ।।
गर मिले मुझे कहीं तो मैं,
बस इतना ही माँगू श्याम से
मेरी जीवन की कहानी हो शुरू
खत्म भी हो तेरे नाम से
।। जय श्री श्याम ।।
श्याम साँवरे मोरछडी़ वाले
तीन बाणधारी शीश के दानी
कहाँ से करूँ शुरू तेरी गाथा
महिमा तेरी ना जाये मुझसे बखानी
।। जय श्री श्याम।।
श्याम मेरे घर पधारो
मैं द्वार खोल कर बैठा हूँ
हाथों में श्रद्धा सुमन, नीर भरे नयन
दुःख का अम्बार खोल कर बैठा हूँ
|| जय श्री श्याम ||
ष्याम मैं तो तेरा दीवाना
मुझे इस जहाँ से क्या लेना
अपने चरणों में तू रख ले मुझे
जमीन आसमाँ से क्या लेना
।।जय श्री श्याम।।
स्वर्ग का सपना छोड़ दो, नर्क का डर छोड़ दो।
कौन जाने क्या पाप, क्या पुण्य, बस……………..
किसी का दिल न दुखे, अपने स्वार्थ के लिये
बाकी सब कुदरत पर छोड़ दो।।
।। जय श्री श्याम।।
क्या जरूरत है घर से निकलने के पहले मुहूर्त देखने की।
मेरे श्याम की सूरत देख लो जरूरत ही नही पड़ेगी मुहुर्त की।।
।। जय श्री श्याम।।
ना मांगू मैं महल दुमहले ना बंगला ना कोठी।
जन्म मिले उस आंगन में जहां जले श्याम की ज्योति।।
।। जय श्री श्याम।।
ना जाने कैसा जादू है, मेरे श्याम के दरबार का,
मैं जाता हूं बिखर के, और आता हूं निखर के।।
।। जय श्री श्याम।।
कर दिया है बेफिक्र तूने, फिक्र अब मैं कैसे करूँ।
फिक्र तो यह है कि तेरा शुक्र कैसे करूँं।।
।। जय श्री श्याम।।
पलकों पे तुम्हें सांवरे बिठाने को जी चाहता है
तेरी बांहों में श्याम, लिपट जाने को जी चाहता है।
खुबूसरत और बेन्याब हो श्याम तुम …
कि तुम्हें जिन्दगी बनाने को जी चाहता है।
।। जय श्री श्याम।।
बेससब चाहत रखते हैं श्याम, तेरे दीदार पाने की।
पर श्याम कहते हैं, मैं तो तेरे दिल में बैठा हूँ,
तुझे जरूरत नहीं, कहीं और जाने की।।
।। जय श्री श्याम।।
मेरे आंखो के ख्वाब हो तुम, दिल के अरमान हो तुम
तुम से ही तो मैं हूं, मेरे पहचान हो तुम।
मैं जमीन हूं अगर तो, मेरे आसमान हो तुम,
सच मानो मेरे लिये तो सारा जहां हो तुम।।
।। जय श्री श्याम।।
काश किसी रोज, उतर आओ सांवरे
तुम अपनी तस्वीर से, एक लम्हें की तरह।
दिल का हर, राज बयां हो जाये,
फिर बारिश की तरह।।
।। जय श्री श्याम।।
खाटू श्याम दोहे
मुझे नशा है तुझे याद करने का,
ऐ मेरे सावँरिया …
और, ये नशा में सरेआम करता हूँ.
पूछते है लोग…
कितना प्यार है तुझे सावँरिया से..
मैने कहा…
अगर बारिश की बुँदे गिन सकते हो तो उतना…
मेरी तकदीर के मालिक, मेरी तकदीर तो तुम हो।
जो उभरी है सितारो पे, मेरी तस्वीर तुम हो।
यह दौलत, यह शोहरत, सफर श्मशान तक का है।
जो आखिर साथ जाना है, असल जागीर तो मेरे श्याम तुम हो।
।। जय श्री श्याम।।
मेरी तकदीर के मालिक, मेरी तकदीर तो तुम हो।
जो उभरी है सितारो पे, मेरी तस्वीर तुम हो।
यह दौलत, यह शोहरत, सफर श्मशान तक का है।
जो आखिर साथ जाना है, असल जागीर तो मेरे श्याम तुम हो।
।। जय श्री श्याम।।
उम्मीद बिखरी पड़ी थी…नाव भी टूटी पड़ी थी,
पर तूफान भी कुछ नही बिगाड़ पाया उसका
क्योंकि सिर पर श्याम की मोर छड़ी थी
|| जय खाटू वाले की ||
मेरे श्याम न जाने कितनी मिठास है तेरे नाम मे
सुबह-सुबह जो श्याम श्याम कह दिया
तो सारा दिन मुँह मीठा मीठा रहता हैं
|| जय श्री श्याम ||
काश.. किसी खूबसूरत मौसम में…
श्याम मेरी आँखों पे अपना हाथ रख दे…
और हँसते हुए कह दे…पहचान लो तो हम तुम्हारे…
ना पहचानो तो तुम हमारे……
|| जय श्री श्याम ||
चेहरे की हंसी लबों की मुस्कान हो तुम।।
घड़कता है दिल बस श्याम तुम्हारी आरजू में
फिर कैसे ना कहूँ श्याम मेरी जान हो तुम।।
शीश के दानी तेरे चरणों में हम अपना शीश झुकाते हैं।
और कहीं झुकने न देना ये अरदास लगाते है।
।। जय श्री श्याम।।
गम ने हंसने न दिया जमाने ने रोने न दिया।
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया
थक के जब सितारों से पनाह ली
नींद आई तो श्याम तेरी याद ने सोने न दिया।
।। जय श्री श्याम।।
आंसू कभी आंखों में ये भरने नहीं देता,
दर्द भी चेहरे पे उभरने नहीं देता,
इस तरह रखता है मेरा सांवरा मुझको,
की टूट भी जाऊं तो मुझे बिखरने नहीं देता।
।। जय श्री श्याम।।
मुलाकात हुई थी श्याम से बरसो पहले
सुख-दुःख का साथी बन गया था होश संभालने से पहले
मुकद्दर में क्या था ये तो नहीं मालूम
मगर दोस्त सही चुना था कुछ सालों पहले।
।। जय श्री श्याम।।
मेरे बाबा… तेरा शुक्र कैसे करूं मेरे बाबा
मैं तो रत्ती भर भी तेरे काबिल नहीं
तेरे प्रेम से जिन्दा हूँ मैं…
तेरे सिवा इन लहरों का कोई साहिल नहीं
।। जय श्री श्याम।।
मेरे श्याम.. ये जिन्दगी का सफर, कटे तेरे सम्मान में।
चाहे आधी ही हो जिन्दगी, पर गुजरे तेरे गुणगान में।।
।। जय श्री श्याम।।
हर मंजर में मैं पाऊं तुम्हे कैसे कहूँ श्याम कितना चाहूं तुम्हें
बस तुमसे ही है ये जिन्दगी मेरी यूं ही कैसे भूल जाऊं तुम्हें
।। जय श्री श्याम।।
जो तेरे नाम पर ही श्याम, जीते है मरते हैं,
उनके दिन सुख चैन से ही, सदा गुजरते हैं
तुमसे ही लगन लगाते हैं, रात-दिन तेरे खाते हैं।।
।। जय श्री श्याम।।
बाबा तेरी रहमतों के सहारे मैं पलता हूँ
और तेरा ही नाम लेकर आगे बढ़ता हूँ,
बाबा तू मुझसे नजर ना फेरना कभी,
इक तू ही है जिसके सहारे मैं चलता हूँ।
।। जय श्री श्याम।
लाइन में लगा भक्त दूर से बाबा को जिस तरह से देखता है,
यकीन है सांवरे मन्द-मन्द तू भी उसे देख हंसता है।
तेरा दर्शन कर जब विदाई की आंसू आंखों में लिये जाता है।
यकीन है सांवरे वो आंसू तेरा मन भी बहुत तड़पाता है।
।। जय श्री श्याम।।
ख्वाबों की सजी थी महफिल, पर हसरत नीलाम हो गई।
तूने क्या एक नजर देखा सांवरे, मेरी रूह तक गुलाम हो गई।।
।। जय श्री श्याम।।