Sad Shayari

Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line|बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन|

Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line

 

तुम्हारा तुम कहकर रोज़ झगड़ना मुझसे,
तुम्हारा आप कहकर बिछड़ने से अच्छा था.

Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line|बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन|
Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line|बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन|

कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको,
चलो ऐसा करो भूला दो मुझको,
तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये,
दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको।

Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line|बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन|
Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line|बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन|

मेरी हैसीयत से ज्यादा
मेरी थाली मे तूने परोसा है
तू लाख मुश्किलें भी दे दे
मालिक, मुझे तुझपे भरोसा है

Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line|बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन|
Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line|बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन|

ये किस मोड़ पर तुम्हे
बिछड़ने की सूझी,
मुद्दतों के बाद तो
संवरने लगे थे हम…

मुझे छोड़के तुम्हे
रहना अच्छा लगता है न,
तो जाओ खुश रहो,
मुझे भी तुम्हारी ख़ुशी अच्छी लगती है.

Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line|बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन|
Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line|बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन|

Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line

 

बिन मांगे ही मिल जाती है मोहब्बत किसी को,
और कोई हजारो दुआओं
के बाद भी खाली हाथ ही रह जाता है।

तू अपनी रफ्तार पे
इतना ना ईतरा,ऐ जिंदगी
अगर मैंने रोक ली
साँसे तो,तू भी चल नही पायेगी

Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line|बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन|
Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line|बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन|

हालात का तक़ाज़ा था ,
एक बार मिल के हम
बिछड़े कुछ इस अदा से ,
के दोबारा मिल न सकें

Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line|बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन|
Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line|बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन|

बिछड़ने का दर्द उनको ही पता है,
जो माँ बाप से छुप के अकेले में रहता हो.

Bichadne Ki Shayari In Hindi

 

हम न पा सके तुझे मुद्दतो चाहने के बाद,
और किसी ने तुझे अपना
बना लिया चन्द रस्मे निभाने के बाद।

एक मुर्ख जीनियस बन सकता है
यदि वो समझता है की वो मुर्ख है
लेकिन एक जीनियस मुर्ख बन सकता है
यदि वो समझता है की वो जीनियस है

Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line|बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन|
Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line|बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन|

उनकी नज़रों से दूर हो जायेंगे हम ,
कहीं दूर फ़िज़ाओं में खो जायेंगे हम ,
मेरी यादों से लिपट के रोयेंगे वो ,
ज़मीन ओढ के जब सो जायेंगे हम.

पता तो मुझे भी था पर यह नहीं पता था,
की सच बोलने पर रिश्ते बिखर जाते है.

यूँ तो पहले सदमो में भी हँस लेता था मैं,
पर आज क्यों बेवजह रोने लगा हूँ मैं,
वैसे तो हमेशा से हाथ खाली ही था मेरा,
फिर आज क्यों लगा सब कुछ खोने लगा हूँ मैं।

 

बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन

 

हम भी मोहब्बत करते हैं…
पर बोलते नही क्योकि
रिश्ते निभाते है….तौलते नह

Bichadne Par Mar Jaungi Dard Shayari 2 Line|बिछड ने पर मर जाऊंगा दर्द शायरी 2 लाइन|
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तुझे चाहा तो बहुत इजहार न कर सके,
कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके,
तूने माँगा भी तो अपनी जुदाई माँगी,
और हम थे कि तुझे इंकार न कर सके।

 

यू साथ चलना और तुम से हम में बदलना,
और फिर सपनो की चाहत में,
हमारे सपनो का यूँ टूट कर बिखरना,
फिर हम से में और तुम हो जाना,
और फिर तेरा यु ज़िन्दगी में आना,
ना जाने अब फिर से मिलना या फिर बिछड़ जाना.

 

दुनिया है पत्थर की जज़्बात नही समझती,
दिल में छुपी है जो बात नही समझती,
चाँद तन्हा है तारो की बारात में भी,
दर्द ये चाँद का ज़ालिम रात नही समझती।

 

दिल तो कहता है
कि छोड जाऊँ ये दुनिया हमेशा के लिए
फिर ख्याल आता है
कि वो नफरत किस से करेगा मेरे जाने बाद

 

न गिला है कोई हालात से ,
न शिकायत किसी की ज़ात से ,
खुद ही सारे वर्क जुदा हो रहे है ,
मेरी ज़िन्दगी की किताब से …

 

न जाने क्यों तुझसे मिलकर तेरा बिछड़ना याद आता है,
जब भी पुरानी बाते यादें आती है तो जाना बहुत रोना आता है,
जानती हु तुझे तो अब सिर्फ नफरत जताना आता है,
सोचती हू की क्या तुझे भी मेरा फ़साना याद आता है.

मेरी खामोशियों में भी फ़साना ढूँढ़ लेती है,
बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूँढ़ लेती है,
हकीकत ज़िद किये बैठी है चकनाचूर करने को,
लेकिन ये आँख फिर सपना सुहाना ढूँढ़ लेती है।

 

दुनिया में हूँ
दुनिया का तलबगार नहीं हूँ
बाज़ार से गुज़रा हूँ ख़रीदार नहीं हूँ

 

बिखरी नहीं हु में हमेशा निखरी हूँ,
जब भी किसी से बिछ्ड़ी हु.

 

न सीरत नज़र आती है,
न सूरत नज़र आती है,
यहाँ हर इंसान को बस
अपनी ज़रूरत नज़र आती है।

 

तोड़े बग़ैर संग तराशे न जाएँगे
वो दिल ही क्या जो
टूट के पत्थर न हो सके

 

वो कहता था तुम्हारी कसम,
कभी न छोडूंगा तुम्हे,
आज देखे हम अभी तक ज़िंदा है वाह,
यार क्या झूठी कसम खाई थी तूने.

 

गुजारिश हमारी वह मान न सके,
मज़बूरी हमारी वह जान न सके,
कहते हैं मरने के बाद भी याद रखेंगे,
जीते जी जो हमें पहचान न सके।

 

हर शाम कह जाती है एक कहानी
हर सुबह ले आती है एक नई कहानी,
रास्ते तो बदलते हैं हर दिन लेकिन
मंजिल रह जाती हैं वही पुरानी

 

कितना फासला था हमारे दरमियान,
उन्हें हमारा मिलना ज़रूरी नहीं था,
हमें हमारा बिछड़ना मंज़ूर नहीं था.

 

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बिछड़ के तुमसे ज़िन्दगी सज़ा लगती है,
ये सांस भी जैसे मुझसे ख़फ़ा लगती है,
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किससे करूँ,
मुझको तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफा लगती है।

 

कुछ लोग इतने
भयंकर कुँवारे होते है कि
ताश खेलते वक़्त
भी ” बेगम “नहीं आती

 

Bichadne Ki Shayari In Hindi

 

बहुत अच्छा चल रहा था
यह रिश्ता हमारा,
बिछड़े इस रफ़्तार से मानो,
मैं आसमान और वो टूट ता तारा.

 

दुनिया बहुत मतलबी है,
साथ कोई क्यों देगा,
मुफ्त का यहाँ कफ़न नहीं मिलता,
तो बिना गम के प्यार कौन देगा।

 

यूँ खाली पलकें झुका
देने से नींद नही आती
सोते वही लोग है
जिनके पास किसी की यादें नही होती

 

मैं हर उस पल टूट कर बिछड़ जाती हु,
तेरा यूँ बिछड़ जाना,
और फिर तेरा मुझे भुला देना.

 

ज़िस्म से मेरे तड़पता
दिल कोई तो खींच लो​,
मैं बगैर इसके भी जी
लूँगा मुझे अब ​ये यकीन ​है।

 

जिनकी मंजिल एक होती है,
वो रस्ते पे ही तो मिलते है.

 

आप से दूर हो कर हम जायेंगे कहा,
आप जैसा दोस्त हम पाएंगे कहा,
दिल को कैसे भी संभाल लेंगे,
पर आँखों के आंसू हम छुपायेंगे कहा।

 

मैंने तो समझा था
के मिल कर दास्तान पूरी हुई,
वो बिछड़ कर और
भी लम्बी कहानी कर गए.

 

भुला कर हमें क्या वो खुश रह पाएंगे,
साथ में नही तो मेरे जाने के बाद मुस्कुरायेंगे,
दुआ है खुदा से की उन्हें कभी दर्द न देना,
हम तो सह गए पर वो टूट जायेंगे।

 

जब तुझसे बिछड़े,
तो दिन भी अजीब थे,
दूर होकर एहसास हुआ,
हम तेरे कितने करीब थे.

 

इश्क़ सभी को जीना सिखा देता है,
वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है,
इश्क़ नहीं किया तो करके देखो,
ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता है।

 

इत्तेफ़ाक़ भी अजीब होता है,
अय्याज मिलते है उसी से,
जिनसे बिछड़ना होता है.

 

दर्द से दोस्ती हो गई यारों,
जिंदगी बे दर्द हो गई यारों,
क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा,
दूर तक रोशनी तो हो गई यारो।

 

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